गुरुवार, 13 फ़रवरी 2020

जिंदगी में ना जाने किस चाहत में भटक रहे हैं हम (13 feb 2019 mummy is in hospital)

 💭ना जाने किस चाहत में भटक रहे हैं हम 

जिंदगी में ना जाने किस चाहत में भटक रहे हैं हम
आशाओं का अंजान समुंदर गहराइयांं और हम
पाना है चाहत का ठिकाना और गहराइयोंं तक जाना 
जिंदगी बीत रही बुन भी रही इसी कश्मकश में ताना बाना
जब वक़्त आएगा तो बह निकलेंगे उम्र भर केे उफान
भवंर में फंसकर डूबेंगे ि‍जंंदगी भर के अरमान
 नही चलेगा तब कोई जोर ना तेरा ना मेरा 
 मिलेगा सब राख में क्या तेरा और मेरा 
 तो मत कर तू गुमान बनावटी  हैै यह जहांं 
अंत ही सच्चाई है नियति मेे जो लिखवाई है 

 

 


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